8th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। लंबे समय से जिस 8वें वेतन आयोग की चर्चा चल रही थी, उस पर अब सरकार की ओर से स्थिति साफ कर दी गई है। मौजूदा अपडेट के अनुसार, केंद्र सरकार के पास अभी तक 8वें वेतन आयोग से जुड़ा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कर्मचारियों को इस आयोग से जुड़े लाभ के लिए कम से कम 2026 तक इंतजार करना होगा।

गौरतलब है कि पिछला यानी 7वां वेतन आयोग वर्ष 2016 में लागू किया गया था, जिसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को अच्छा लाभ मिला था। इस आयोग की सिफारिशों के तहत बेसिक सैलरी में 2.57 गुना की बढ़ोतरी हुई थी और लगभग 47 लाख कर्मचारी तथा 52 लाख पेंशनर्स लाभान्वित हुए थे।
तब से ही कर्मचारी संगठनों द्वारा यह मांग लगातार उठती रही है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए 8वां वेतन आयोग जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि आमदनी में बढ़ोतरी होकर जीवन यापन में कुछ राहत मिल सके। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से अब तक किसी तरह का स्पष्ट संकेत नहीं मिला है।
सरकार का रुख: कोई प्रस्ताव नहीं, नई प्रणाली पर विचार
सरकार ने इससे पहले भी संसद में कई बार यह बात स्पष्ट की है कि 8वें वेतन आयोग को लेकर फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं चल रहा है। इसके साथ ही सरकार यह विचार कर रही है कि भविष्य में वेतन संशोधन आयोग के बजाय कोई स्वचालित प्रणाली लाई जाए, जिससे हर वर्ष महंगाई दर के अनुसार वेतन में स्वतः सुधार हो सके।
ऐसी व्यवस्था से हर बार नया वेतन आयोग गठित करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और कर्मचारियों को समय-समय पर वेतन संशोधन का लाभ मिलता रहेगा। हालांकि यह प्रणाली किस स्वरूप में लागू होगी, इसकी विस्तृत जानकारी सरकार ने अभी तक साझा नहीं की है।
कर्मचारी संगठनों की चिंता: महंगाई बढ़ी, वेतन अपर्याप्त
वर्तमान में महंगाई दर तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें अब अपर्याप्त हो चुकी हैं और मौजूदा वेतन से परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल होता जा रहा है। कर्मचारियों की यह भी मांग है कि या तो 8वें वेतन आयोग की जल्द घोषणा की जाए या फिर सरकार कोई वैकल्पिक नीति लाए जिससे आमदनी में संतुलन बना रहे।
आर्थिक बोझ और चुनावी रणनीति भी बन रही बाधा
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अभी इस दिशा में कदम इसलिए नहीं बढ़ा रही है क्योंकि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकारी खजाने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ सकता है। इसके साथ ही आगामी आम चुनावों को देखते हुए सरकार आर्थिक संतुलन बनाए रखने की रणनीति अपना रही है। ऐसे में वे मानते हैं कि इस पर कोई ठोस फैसला अब 2026 या उसके बाद ही लिया जा सकता है।
लाभ मिलने में लग सकता है और समय
अगर 8वां वेतन आयोग 2026 के बाद लागू होता है, तो इसकी सिफारिशों को प्रभावी होने में 1 से 2 साल का और समय लग सकता है। इसका सीधा अर्थ है कि कर्मचारियों को इसका प्रत्यक्ष लाभ 2027 या 2028 में जाकर मिलेगा। हालांकि तब तक महंगाई के अनुपात में वेतन में अंतर इतना अधिक हो सकता है कि एक बार में बड़ा वेतन सुधार देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष:
भले ही फिलहाल सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई पहल नहीं की हो, लेकिन केंद्रीय कर्मचारी संगठनों की उम्मीदें अब भी जिंदा हैं। वे लगातार सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने और सकारात्मक निर्णय लेने की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह है कि आने वाले वर्षों में केंद्र सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।
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